जमीन विवाद पर शिकायत पत्र कैसे लिखे | Jamin vivad par application

नमस्ते दोस्तों क्या आप भी जमीन के विवाद से पीड़ित है क्या आपके घर में या पडोसी के साथ जमीनी विवाद चल रहा हैं और आप इन सबसे परेशान हो रहे हैं | जैसे की आप जानते हैं की आजकल ज़मीन को लेकर झगड़े सबसे ज़्यादा देखने को मिलते हैं। कई बार भाई-भाई आपस में बँटवारे को लेकर लड़ जाते हैं, तो कभी पड़ोसी खेत की मेड़ या रास्ते को लेकर विवाद और लड़ाई के मामले में भीड़ जाते हैं। कहीं कोई लालच में दूसरों की ज़मीन पर कब्ज़ा करने लग जाते है। ऐसे झगड़े सिर्फ़ ज़मीन तक ही नहीं रहते, बल्कि रिश्ते बिगाड़ देते हैं और परिवार की शांति छीन लेते हैं। यह बात बिलकुल सच है कि ज़मीन विवाद हर गाँव-कस्बे में एक बड़ी समस्या बन चुकी है।इस विवाद को दूर करने के लिए आपको तहसीलदार, पटवारी यह नजदीकी पुलिस थाना में जमीन विवाद पर एप्लीकेशन देना होता हैं

इस पोस्ट में हम जानेंगे की जमीन विवाद पर एप्लीकेशन लिखने का सही फॉर्मेट क्या हैं और क्या ध्यान में रखना जरुरी हैं इसके लिए पोस्ट के अंत तक बने रहे

जमीन विवाद में एप्लीकेशन लिखने की जरुरत क्यों पढ़ती हैं :

चलिए इसे एक उदहारण से जानते हैं- बिहार के एक गाँव में दो भाई रहते थे रवि शर्मा और सुरेंदर शर्मा । उनके पिताजी की मौत के बाद 2 बीघा खेत दोनों भाइयों के नाम पर था। कागज़ में दोनों के नाम लिखे थे, लेकिन जमीन का बंटवारा साफ-साफ नहीं हुआ था।इस खाते में किस बेट को कितना हिस्सा हैं इस बात की पूरी जानकारी नही लिखी थी एक दिन सुरेंदर शर्मा ने सोचा कि पूरी जमीन उसकी है। उसने रवि शर्मा के हिस्से में भी हल चलाना शुरू कर दिया। यह देखकर रवि नाराज़ हो गया और दोनों भाइयों में झगड़ा हो गया। हालत ऐसी बन गई कि मारपीट तक पहुँचने वाली थी। रवि शर्मा शांत स्वभाव का था। उसने सोचा कि झगड़े से कुछ अच्छा नहीं होगा।

इसलिए वह गाँव के थाने गया और वहाँ लिखित अर्जी दी। पुलिस तुरंत पहुँची और दोनों भाइयों को समझाया। पुलिस ने कहा “जमीन का फैसला कागज़ और नाप-जोख से होगा, झगड़े से नहीं।” साथ ही पुलिस ने चेतावनी भी दी कि अगर मारपीट हुई तो कार्रवाई होगी। इसके बाद राम तहसीलदार (जमीन के अधिकारी) के पास गया। तहसीलदार ने पटवारी और अमीन को भेजकर जमीन की नाप-जोख करवाई। नक्शे और कागज़ देखकर साफ हो गया कि आधी जमीन राम की है और आधी सुरेंदर की। गाँव के बुज़ुर्ग भी मौजूद थे। तहसीलदार ने कहा “अब तुम दोनों अपने-अपने हिस्से की जमीन पर खेती करो।”आखिरकार सुरेंदर मान गया और झगड़ा खत्म हो गया।

तो ऐसे किसी भी जमीन विवाद की स्थिति में आप इस एप्लीकेशन फॉर्मेट का उपयोग कर सकते हैं

jamin vivad par tahasildar ko application format in hindi

जमीन विवाद आज के समय आम हो गया हैं जब भी हम गाँव जाते हैं हम देखते हैं की किसी न किसी का खेत की नाप-जोख होता ही रहता हैं लेकिन फिर उस खेत के ऊपर विवाद होते भी देखा हैं अकसर जब विवाद जमीन के नपाई का होता हैं तो उस केस में आप अपने तहसीलदार को या फिर पटवारी को एप्लीकेशन लिख कर अपने विवाद के बारे में पूरी जानकारी निचे दिए गए एप्लीकेशन फॉर्मेट के माध्यम से प्रदान करे जो की इस प्रकार से हैं :

सेवा में,
माननीय तहसीलदार महोदय,
__________________________तहसील का नाम,
__________________________जिला।

विषय: जमीन विवाद निपटारे हेतु आवेदन।

महोदय/महोदया,
निवेदन हैं कि मैं __________[आपका नाम], पुत्र/पुत्री/पत्नी श्री ________[पिता/पति का नाम], निवासी __________[गाँव/शहर का नाम] हूँ।
मेरे नाम पर दर्ज जमीन ______(खसरा नंबर [खसरा नंबर) पर [विवाद का कारण जैसे: पड़ोसी अवैध कब्जा कर रहा है / खेत की मेड़ हटा दी गई है / हिस्सेदारी में विवाद है]।

इस विवाद के कारण मुझे व मेरे परिवार को कठिनाई हो रही है।
अतः आपसे निवेदन है कि कृपया इस विवाद की जाँच कर जमीन की सही सीमांकन/रिपोर्ट कर उचित समाधान करवाने की कृपा करें।

धन्यवाद

भवदीय,
आवेदक का नाम______
पता___________
मोबाइल नंबर___________
तारीख___________________

jamin vivad par thana prabhari ko application in hindi

जमीन विवाद में थाना (पुलिस स्टेशन) को आवेदन तभी लिखा जाता है जब मामला केवल कागज़ी रिकॉर्ड या न होकर झगड़े, मारपीट या कब्ज़े की कोशिश से जुड़ा हो। तब हम पुलिस अधिकारी एंव थाने में जमीन विवाद के लिए आवेदन लिख कर सूचना प्रदान किया जाता हैं जो इस प्रकार से हैं

सेवा में,
____________थाना प्रभारी जी महोदय,
____________थाने का नाम,
______________जिला]।

विषय: जमीन विवाद में सुरक्षा और कार्यवाही हेतु आवेदन।

महोदय,
मैं ____________(आपका नाम), पुत्र/पुत्री/पत्नी श्री ____________[पिता/पति का नाम], निवासी ___________(गाँव/शहर का नाम) हूँ।
मेरी जमीन _________(खसरा नंबर (खसरा नंबर) पर विवाद करने वाले का नाम) जबरन कब्जा/झगड़ा करने की कोशिश कर रहा है। इस कारण मेरे परिवार की शांति भंग हो रही है और झगड़े की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

अतः आपसे निवेदन है कि कृपया इस प्रकरण में हस्तक्षेप कर उचित कानूनी कार्यवाही कर मेरी तथा मेरे परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कृपा करें।

भवदीय,
आवेदक का नाम______________
पता_________________________
मोबाइल नंबर_________________
तारीख_______________________

जमीन विवाद हेतु शिकायत पत्र सवाल और जवाब (FAQs)

जमीन विवाद में थाना को आवेदन कब देना चाहिए?

जमीन पर जब विवाद झगड़े, मारपीट, गाली-गलौज, कब्ज़ा करने की कोशिश या सुरक्षा खतरे तक पहुँच जाए।

तहसीलदार और थाना किसको कब आवेदन करें?

तहसीलदार जमीन का सीमांकन(उचित तरीके से मापा नही गया हो ),कागज़ी रिकॉर्ड, बंटवारा या स्वामित्व विवाद के लिए। जब परिवार में झगड़ा, धमकी, कब्ज़ा करने की कोशिश या शांति-भंग की स्थिति हो तब थाना में आवेदन किया जाता हैं

थाना में दिए जाने वाले आवेदन में क्या लिखना चाहिए?

पत्र लिखते समय नाम-पता, जमीन का खसरा नंबर/स्थान, विवाद करने वाले का नाम, विवाद का कारण, और सुरक्षा/कार्यवाही की मांग जरुर लिखे

क्या थाना तुरंत जमीन का फैसला कर देता है?

नहीं थाना केवल झगड़ा रोकने, सुरक्षा देने और अपराध रोकने के लिए कार्यवाही करता है। जमीन का असली फैसला तहसील/राजस्व विभाग या कोर्ट से होता है।

Leave a Comment